Friday 13 April 2012

...और तब सपने आना भी बंद हो जाते हैं


पुस्तक समीक्षा

किताब: आई टू हैड अ लव स्टोरी (अ हार्ट ब्रेकिंग ट्रू लव टेल)
लेखक: रविंदर सिंह
भाषा: अंग्रेजी
पहला प्रकाशन: 2009
पब्लिशर: श्रृष्टि पब्लिकेशन एंड डिस्ट्रीब्यूटर
मूल्य: 100 रूपए

दुनिया देखने के लिए आंखें जरुरी होती हैं, लेकिन सपने देखने के लिए इन आंखों को बंद करना जरुरी होता है.

किसी की भी जिंदगी में सपने देखने और सपनों के टूटने से ज्यादा दर्दनाक होता है, सपनों का खत्म हो जाना.


हम सबका शरीर, मन, आत्मा कभी न कभी ऐसे दौर से गुजरता है जब आंखें बंद होते ही सपनों की फिल्म शुरू हो जाती है. ये सिलसिला तब तक चलता रहता है जब तक की हम किसी भयंकर पीड़ा, दुःख, अवसाद, असफलता या विछोह से नहीं गुजरते. अक्सर और शायद ज्यादातर मामलों में इस तरह के सदमों के बाद सपने गायब हो जाते हैं.


ऐसा नहीं है कि इस तरह का अनुभव हर किसी को होता ही है, लेकिन जिन्हें भी होता है, जिंदगी के प्रति उनका नजरिया बेहद असामान्य (आम लोगों से हट कर) हो जाता है. बदलाव की यह प्रक्रिया इंसान के भीतर ही एक दूसरे इंसान को जन्म देती है. इस दूसरे इंसान का व्यक्तित्व लंबे समय से जी रहे पहले इंसान से बिलकुल अलग हो जाता है.


जीवन को झकझोर देने वाली एक ऐसी ही घटना 26 साल के एक युवक (रविंदर सिंह) के साथ घटती है. ये एक घटना उसे जिंदगी के कई ऐसे पाठ पढ़ा जाती है जो उसकी अब तक की जिंदगी के सरे पाठ और अनुभव को खोखला और बौना साबित कर देती है.


इंटरनेट के इस 'सूचना युग' में एक प्रतिभाशाली युवा(रविंदर सिंह), एक बेहद खूबसूरत लड़की (ख़ुशी) से मिलता है. मिलन का माध्यम बनता है इंटरनेट (शादी डॉट कॉम). बेहद आम भाषा और शैली में लिखी गई यह किताब जीवन के एक बेहद पेचीदा सवाल पर ख़त्म होती है, "क्या बिना किसी मकसद, प्रेरणा और उत्साह के जिंदगी जी जा सकती है? क्या कोई है जो इन सारी चीजों को हमारी जिंदगी में लाता और एकदम से इन्हें हमसे छीन लेता है?


इस किताब को रविंदर सिंह ने ही लिखा है और ये कहानी उनके जीवन में घटी एक घटना पर आधारित है.